नवगछिया – रंगरा की शेखा को लगा था, उसके पति ने उसकी हर नादानी को माफ कर दिया है. इसलिए उसका पति फोन पर उसे रंग लेकर आने कह रहा है. यही कारण है 28 मार्च की शाम शेखा को जल्दबाजी थी. पति का फोन रखते ही उसने मोबाइल मम्मी को दे दिया और रंग लेकर अपने पति के रंग में रंगने के लिए, उसके बताए जगह पर पहुंच गई. लेकिन शेखा गलत थी. उसके पति गोपाल मंडल पर होली का रंग नहीं चढ़ा था बल्कि खून सवार था. फिर गोपाल ने शेखा विश्वास का कत्ल किया और शेखा के खून से होली खेली. घटनास्थल से बरामद लाल रंग के अबीर की पुड़िया इस कहानी को बयां कर रहा है.

शक के कारण कमजोर पड़ गयी थी सात फेरों की डोर

शेखा की शादी के दस साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उसका पति गोपाल उस पर शक करता था. इस कारण दोनों के बीच सात फेरों की डोर कमजोर पड़ने लगी थी. शेखा किसी से बात भी कर ले तो गोपाल उसके साथ झगड़ा करने लगता. यही कारण था कि शेखा ज्यादातर अपने मायके में रहने लगी. कहां जा रहा है कि पिछले दिनों भी इसी बात को लेकर विवाद हुआ था. पति पत्नी के बीच संबंधों में खटास आने का एकमात्र कारण लक्ष्मीपुर निवासी गोपाल मंडल के ही रिश्ते का एक भाई था. अपने इकबालिया जुर्म में गोपाल ने कबूल करते हुए कहा है कि उसे लगता था कि शेखा का उसके पड़ोसी या रिश्ते के भाई के साथ नाजायज संबंध है. सूत्रों के अनुसार पुलिस पूछताछ में गोपाल द्वारा किए गए कबूलनामें में बात सामने आई है कि घटना के दिन गोपाल लक्ष्मीपुरी स्थित अपने घर के पास था. उसे लगा कि शेखा का कथित प्रेमी शेखा से बात कर रहा है. शक होने पर उसने शेखा को फोन किया तो पता चला कि उसका फोन व्यस्त है. गोपाल को यह भी पता चला कि शेखा का कथित प्रेमी आज उससे मुलाकात करने वाला है.

शेखा के कथित प्रेमी की हत्या के फिराक में गोपाल गया था रंगरा

बात सच हो या झूठ, यह अनुसंधान का विषय है. लेकिन गोपाल ने अपने इकबालिया बयान में कहा है कि वह शेखा के कथित प्रेमी की हत्या करने की फिराक में रंगरा आया था. गोपाल की माने तो रंगरा में गोपाल की मौजूदगी का शेखा के कथित प्रेमी को आभास हो गया और वह भाग निकला. पुलिस पूछताछ में गोपाल ने बताया है कि पत्नी की बेवफाई के बाद उस पर खून सवार हो गया और उसने बहला-फुसलाकर रंग लगाने के बहाने अपनी पत्नी को बजरंगबली स्थान पीपल पेड़ के पास बुलाया और उसकी हत्या कर दी. शेखा के शव को देखने के बाद स्पष्ट प्रतीत होता है कि हत्यारा किस कदर गुस्से में रहा होगा. पुलिस सूत्रों से यह भी खुलासा हुआ है कि पूरा मामला जगजाहिर होने के बाद गोपाल को अपने किए का पछतावा था. उसका कहना है रास्ते कई थे लेकिन वह बहुत गुस्से में था. बहरहाल शेखा के नाजायज रिश्ते का कोई प्रमाण गोपाल के पास नहीं है. शेखा के परिजनों का कहना है कि बेवजह गोपाल शक करता था. अगर शेखा गलत रहती तो पति के बुलाने पर रंग लेकर नहीं जाती.

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महज 24 घंटे में हो गया मामले का उद्भेदन

31 मार्च को देर शाम शेखा के पिता घनश्याम मंडल ने रंगरा थाने में लिखित आवेदन दिया था. इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने महज 24 घंटे में मामले का उद्भेदन कर लिया और आरोपी को भी सलाखों के पीछे भेज दिया गया. रंगरा के थानाध्यक्ष महताब खान ने कहा कि घटना में प्रयुक्त हथियार कचिया की बरामदगी कर दी गई है. पुलिस घटना को प्रमाणिक रूप देने के लिए अनुसंधान कर रही है. शेखा के कथित प्रेमी को भी पुलिस तलाश कर रही है.

शुक्रवार को हुआ पोस्टमार्टम

शेखा के शव को नवगछिया अनुमंडल अस्पताल से पोस्टमार्टम के लिये भागलपुर रेफर कर दिया गया था. शुक्रवार को दोपहर बाद तक पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया है. देर शाम शेखा का दाह संस्कार किया गया. शेखा की हत्या के बाद परिजन गहरे सदमे में हैं.