कोरोना पॉजीटिव मरीज मिलने के बाद से नवगछिया शहर सील है। शहर के 23 में से 17 वार्ड सील होने से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। इसका सबसे ज्यादा असर रोज कमाने व खाने वाले पर पड़ा है। इनमें काफी ऐसे लोग हैं जिन्हें काम नहीं मिल रहा है तो कुछ वैसे हैं जो रोज दुकानदारी करते हैं तो चूल्हा जलता है। वहीं कई लोगों को दर्द से कराहते रहने के बावजूद समय पर दवा नहीं मिल पायी। इस कारण वार्ड नंबर 18 के नोनिया पट्टी के लोगों ने बुधवार को अपनी पीड़ा बताते हुए प्रशासन से उचित प्रबंध करने की मांग की। लोगों ने बताया कि सब्जी विक्रेता, फेरी कर सामान बेचने वालों की स्थिति बदतर होती जा रही है।

रोजाना दुकानदारी करके परिवार चलाने वाले लोग शहर सील होने के कारण दूसरा काम भी नहीं कर पा रहे हैं। कई परिवार ऐसे हैं जिनके घर चूल्हे नहीं जले हैं। वहीं कई लोगों के घर बड़ी मुश्किल से एक शाम चूल्हा जल पाता है। वार्ड 18 और वार्ड 19 की आबादी लगभग 10 हजार है, जिसमें अधिकांश लोग सब्जी बेचकर अपना गुजर करते हैं। सब्जी विक्रेता सुशीला देवी का कहना है कि 17 दिनों से हमलोग़ों का रोजगार बंद हैं, जिससे घर में अनाज नहीं है। घर में रखा सारा फल, सब्जी सड़ गया है।

रूबी देवी ने बताया कि हमलोगों को घूम-घूम कर भी सब्जी नहीं बेचने दिया जाता है। ऐसे बच्चों को हम क्या खिलाएंगे। जिस दुकानदार से राशन लेते थे, वह भी अब सामान नहीं दे रहा है। क्या करें, समझ में नहीं आ रहा है। सुलेखा देवी ने बताया कि वार्ड पार्षद ने डीलर के यहां से गेहूं और चावल दिलाया है। लेकिन दाल और सब्जी के लिए कमाना तो पड़ेगा। मुन्ना महतो ने बताया कि हमलोगों का काफी मात्रा में कच्चा सामान खराब हो गया है। घर में बेटी के बीमार होने पर दवा खरीदने जा रहे थे तो लौटा दिया।

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वृद्ध नरेश महतो का कहना है कि आपनों 80 वर्ष की जिंदगी में एहनो दिन न देखले रही। एक महीना से घरों में छियै कि खयबै हो बाबू। गैस का और वृद्धा पेंशन का पैसा एकाउंट में है। लेकिन पास में पैसा नहीं है। बैंक बंद है। क्या खाएं। कोई उधार नहीं दे रहा है। वहीं स्थानीय पार्षद चम्पा कुमारी ने बताया कि सभी राशनकार्ड धारकों को राशन मिल रहा है। प्रशासन को नवगछिया में सब्जी बेचने के लिए मुहल्लों में ठेला लगाकर सब्जी बेचने का प्रबंध करना चाहिए। इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी हो सकेगा और लोगों को सब्जी भी मिल सकेगी।