खरीक :अगर लक्ष्य निर्धारित हों तो बाधाएं और रुकावटें दूर कर मंजिल प्राप्त की जा सकती है.यह काम कदवा के ग्रामीणों ने कर दिखाया. लोकमानपुर से कदवा जाने के लिए ग्रामीणों के सहयोग से कोसी नदी पर तकरीबन 200 फीट लम्बी बांस बत्ती और बल्ले की चचरी पुल बनकर तैयार हो गया है.ग्रामीणों की कड़ी मशक्कत से चचरी पुल बनकर तैयार हुआ है चचरी पुल तैयार होने से अब कदवा और लोकमानपुर के बीच कोसी नदी पर आवागमन सुगम हो गया है.

लोकमानपुर और कदवा के ग्रामीणों को कोसी नदी पार करने में भीषण कठिनाई होती थी.इस कठिनाई से निजात पाने के लिए कदवा के ग्रामीण के तरफ से चचरी पुल बनाने की पहल की गई और कुछ ही दिनों में चचरी पुल बनकर तैयार हो गया. शनिवार को नए बांस बत्ती,बल्ले का तैयार चचरी पुल ग्रामीणों के लिए कौतूहल का विषय रहा.गांव की युवा खुशी से चचरी पुल का सेल्फी लेने लगे और सोशल मीडिया पर भेजने लगे.

बहरहाल चचरी पुल बनने से लोगों का लोकमानपुर और कदवा जाना आसान हो गया.जो काम सरकार और प्रशासनिक पदाधिकारी नहीं कर पाए कुछ ग्रामीण मिलकर चचरी पुल को मूर्त रूप दे दिया. एचडी फुल बनाने में लोकमानपुर के ग्रामीणों का भरपूर सहयोग रहा है लोकमानपुर के पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि भिखारी मंडल ने बताया कि लोकमानपुर और कदवा के बीच तैयार चचरी पुल कदवा के ग्रामीणों के सहयोग से बना है. चचरी पुल बनने से लोकमानपुर के लोगों का कदवा जाना आसान हो गया है.

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