बिहपुर थाना क्षेत्र के नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत शाहजादपुर पंचायत के अमरी विशनपुर गांव के गंगा घाट पर नहाने गए दो चचेरे भाई डूब गए। वहीं डूबते हुए उसके एक दोस्त को ग्रामीणों ने बचा लिया। घटना रविवार की दोपहर 12 बजे की बताई गई है। स्थानीय लोगों ने दोनों किशोरों को खोजने का काफी प्रयास किया मगर उनका पता नही चला। ग्रामीणों के मुताबिक घटना की सूचना बिहपुर थाना पुलिस कैंप को दी गई, लेकिन पुलिस काफी देर बाद पहुंची। एसडीआरएफ टीम को सूचना दी गई। मगर छठ की व्यस्तता बताते हुए वे नहीं आए। भागलपुर रेड क्रॉस सोसाइटी से दो गोताखोर भेजे गए, लेकिन दोनों भी अधिक गहराई होने की वजह से गंगा में नहीं उतरे। सूचना पर नाथनगर की पुलिस मौके पर पहुंची।

नाथनगर थाना क्षेत्र के गोलदारपट्टी के रहने वाले अंकित कुमार भगत उर्फ भोलू 17 (पिता नंदू प्रसाद भगत) अपने दो चचेरे भाई अमन कुमार भगत 16 (पिता स्वर्गीय दुर्गेश भगत), छोटू कुमार भगत 25 (पिता कृष्ण कुमार भगत) और दोस्त सिद्धू कुमार के साथ छठ घाट देखने पहले मोहनपुर घाट गए। वहां घाट बढ़िया नहीं देख चारों अमरी विशनपुर घाट पहुंच गए। जहां उन्होंने नहाने का मन बनाया। चचेरे भाईयों के दोस्त सुल्तानगंज के गंगापुर निवासी सिद्धू ने बताया कि वह नाथनगर के कौआकोली में किराए के मकान में रहकर पढ़ाई करता है। वह मारवाड़ी कॉलेज में बीए पार्ट एक का छात्र है। सुबह 10 बजे के करीब वह दाढ़ी बनवाने जा रहा था, तभी अंकित का फोन आया और उसे रेलवे फाटक के पास बुलाया। वहां चारों मिले।

परिजनों ने बताया कि दोनों चचेरे भाई अंकित और अमन अपनी तीन-तीन बहनों में अकेले भाई थे। अमन की मां होटल चलाती है। अंकित के पिता की किराना की दुकान है।

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मना करने के बाद भी नहाने की जिद पर अड़े थे दोनों

अंकित के कहने पर चारों विशनपुर घाट पहुंचे। अंकित और अमन ने नहाने को कहा। चचेरे भाई छोटू और सिद्धू ने नहाने से मना कर दिया। मगर अंकित और अमन की जिद पर सिद्धू नहाने को तैयार हो गया। सिद्धू ने बताया कि गंगा के पहले छाड़न पर सभी ने कपड़े, पैसे व चप्पल खोलकर रख छोटू को निगरानी के लिए बैठा दिया। अंकित और अमन ने नहाने को दूसरे छाड़न पर जाने तक, लेकिन ग्रामीणों ने मना किया। मगर बात नहीं मानी। तभी नहाते समय अंकित गहरे पानी में चला गया उसके पीछे अमन भी डूबने लगा। दोनों गहरे पानी में जाता देख सिद्धू बचाने उनके पास पहुंचे तो वह भी डूबने लगा। भैंस चरा रहे ग्रामीणों ने सिद्धू को निकाल लिया। मगर अंकित और अमन डूब गए। दोनों की डूबने की सूचना चचेरे भाई छोटू ने घरवालों को फोन पर दी। खबर लिखे जाने तक उनका पता नहीं चल सका।

दोनों की मां घर पर नहाय खाय का बना रही थीं प्रसाद

छोटू की मां वीणा देवी ने बताया कि वह और उसकी बहु खुशबू छठ करती हैं। वहीं डूबे अंकित की मां संगीता देवी और अमन की मां सीता देवी भी छठ करती है। उन्होंने बताया कि रविवार की सुबह वह अपने बेटे छोटू और अमन व अंकित की मां सभी नहाय खाय के लिए बरारी घाट स्नान करके लौटी थीं। घर में कद्दू भात का प्रसाद बना रहे थे। इसी बीच सुबह 10 बजे अंकित, अमन और छोटू बिना किसी को कुछ बताए घर से यह कहकर निकले कि प्रसाद के समय घर आ जाएंगे। प्रसाद बनकर तैयार था तीनों की मां बेटे की इंतजार कर रही थी, लेकिन अचानक अंकित के डूबने की खबर आई और छठ की तैयारी के बीच मातम छा गया। अंकित व अमन की मां व परिजनों की चीत्कार सुन लोगों की आंखे नम हो गईं।