नवगछिया : एक तरफ दिनों दिन नवगछिया शहर और इसके आस पास का क्षेत्र कोरोना हब बनता जा रहा है दूसरी तरफ कांटेनमेट जोन सिर्फ कागजी आदेशों में ही दिखता है. दुकानें पहले की तरह ही खुली हैं, दिन में बाजार में इतनी भीड़ है कि प्रत्येक दस मिनट पर जाम लग रहा है. न किसी पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति और न ही कोई रोक टोक. जिसको जो मन में आ रहा है कर रहा है. यहां तक की कोरोना पेसेंट एक दिन में ही अस्पताल से लौट आता है और पूरे शहर में इस तरह घूमता है मानो कोई तमगा हासिल करके आया है.

पूरे मामले पर नवगछिया के एसडीओ मुकेश कुमार काफी सख्त हैं. उन्होंने कंटेनमेट जोन घोषित करने के आलोक में जारी हुए आदेश का रिमाइंडर नवगछिया की एसपी निधि रानी, नवगछिया एसडीपीओ प्रवेंद्र भारती, नवगछिया नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी संजीव कुमार सुमन को सख्ती से कांटेनमेंट जोन का पालन सख्ती से कराने का निर्देश दिया है. नवगछिया के कार्यपालक पदाधिकारी संजीव कुमार सुमन को खास निर्देश देते हुए एसडीओ ने कहा है कि हर जगह बांस बल्ले से बैरिकेटिंग किया जाय, लोगों को जागरूक करने के लिए माइकिंग करवाया जाय और समुचित रूप से शहर में सैनिटाइजर का छिड़काव किया जाय.

नवगछिया एसपी ने कहा

नवगछिया की एसपी निधि रानी ने कहा कि कंटेनमेंट जोन का पालन सख्ती से कराया जायेगा. विभिन्न् जगहों पर कार्यपालक दंडाधिकारियों और पुलिस पदाधकारियों की तैनाती भी की जायेगी. कांटेनमेंट जोन का उलंघन करने वालों पर कार्रवाई भी की जायेगी.

Whatsapp group Join

हरियापट्टी में दो जगहों पर की गयी बैरेकेटिंग

नगर पंचायत की ओर से नवगछिया में सोमवार को कुछ जगहों पर बैरेकेटिंग की गयी है. इसमें मुख्य रूप से हरियापट्टी बाजार, चरित्र सिंह गली आदि है. लेकिन इन जगहों पर बैरेकेटिंग करने से आवाजाही पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. इधर नवगछिया नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी संजीव कुमार सुमन ने कहा कि मंगलवार से शहर में सभी जगहों पर बैरेकेटिंग की जायेगी. दुकानों को बंद करने की भी अपील की जायेगी. सैनिटाइज करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. सोमवार को नवगछिया थाना व कई पुलिस पदाधिकारियों के दफ्तरों को सैनिटाइज किया गया है. सभी जगहों पर समुचित रूप से सैनिटाइजर का छिड़काव सुनिश्चत किया जा रहा है.

लापरवाही खतरनाक, ध्यान दें पुलिस प्रशासन

नवगछिया शहर के अधिकांश बुद्धिजीवियों ने समूह स्वर में कहा है कि महज पांच दिनों कोरोना के 36 मामले सामने आना और इसके बाद किसी प्रकार की प्रशासनिक कार्रवाई का न होना, खतरे से खाली नहीं है. ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन से मामले में संजीदगी रखते हुए सख्ती से कानटेनमेंट जाने का पालन करवाने की मांग की है