अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढोलबज्जा की स्थिति फिर धीरे-धीरे दयनीय होती जा रही है। वहां पहुंचे गरीब व निम्न लोगों का इलाज डॉक्टर के भरोसे नहीं, बल्कि भगवान के भरोसे होता है। मंगलवार अस्पताल में सिर्फ तीन स्वास्थ्य कर्मी के रूप में चिकित्सा प्रभारी वीरेंद्र कुमार, मेघनानाथ मेहतर व रवि सुमन ही उपस्थित थे। दवा लेने वाले की भीड़ उमड़ रही थी। लैब टेक्निशियन के रूम में ताला लटका हुआ था। दो में एक भी एएनएम उपस्थित नहीं थीं। उधर प्रसव रूम में ढोलबज्जा दियारा से आशा रेणु देवी के साथ सुबह करीब 07:00 बजे आई सुमीता देवी दिन के 12: 15 बजे तक एंबुलेंस का इंतजार करती रही।

इस दौरान महिला प्रसव पीड़ा से कराहती रही। उसे किसी प्रकार कि दावाई नहीं दी गई थी। सवा बारह बजे के बाद जब नवगछिया से ढोलबज्जा अस्पताल एम्बुलेंस पहुंची तब जाकर उसे ले जाया गया। ऐसे में यदि बीच रास्ते में जाम की समस्या उत्पन्न हो जाय तो रोगी के साथ अनहोनी हो सकती थी। चिकित्सा प्रभारी वीरेंद्र कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि- प्रसव के लिए आई महिला के शरीर में खून की कमी है। इसलिए बेहतर उपचार के लिए उसे नवगछिया रेफर किया गया।

अस्पताल में नहीं थी स्लाइन पाइप, बाहर से खरीद कर लाए परिजन

वहीं अस्पताल में स्लाइन पाइन नहीं था। इस कारण इलाज के लिए ढोलबज्जा बस्ती से आई ममता देवी को खुद बाजार से पाइप खरीद कर लाना पड़ा। इसके बाद उसका उपचार शुरू हुआ। इस संबंध में पूछे जाने पर अस्पताल प्रभार ी ने बताया कि एक सप्ताह से स्लाइन सेट की पाइप खत्म गई है। विभाग को इसकी सूचना दे दी गई है। एक दो दिन में पाइप आ जाएगी। साथ हीं लैब टेक्नेशियन सरवर जामा को ट्रेनिंग में चले जाने की बात बताई। एक एएनएम सोल्टी जायसवाल अपनी बेटी की शादी में छुट्टी पर थी। तो दूसरी जार्जिना मिंज टीकाकरण पर चले जाने की बात बताया। प्रभारी ने स्वास्थ्य कर्मियों व एम्बुलेंस सुविधाओं की घोर कमी बताया।

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