विपिन ठाकुर, गोपालपुर – नवगछिया अनुमंडल मुख्यालय सहित गोपालपुर, इस्माइलपुर व रंगरा प्रखंड को बाढ से बचाने हेतु जल संसाधन विभाग द्वारा पुनः जहान्वी चौक से इस्माइलपुर तक तटबंध निर्माण कार्य की सुगबुगाहट होने से ग्रामीणों में हर्ष देखा जा रहा है. वर्ष 2015 के विधान सभा चुनाव का बहिष्कार इस्माइलपुर प्रखंड वासियों ने उक्त तटबंध सहित सडक निर्माण की माँग को लेकर किया था. सरकार के निर्माण के ततकाल बाद ही बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने नवगछिया बाढ नियंत्रण प्रमंडल को ततकाल डीपीआर बना कर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया.

निविदा की प्रक्रिया को पूरा कर जल संसाधन विभाग द्वारा 44 करोड की लागत से ठेकेदार श्रीराम इंटरप्राइजेज के द्वारा आधा -अधूरा कार्य किया गया. परन्तु राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता व कार्य का श्रेय लेने की होड में पिछले चार वर्षों से कार्य भूमि अधिग्रहण के नाम पर बंद पडा हुआ है. हालाँकि तटबंध निर्माण कार्य को पूरा कराने के लिए इस्माइलपुर के युवा जिला पार्षद ने विधान सभा चुनाव से पहले बाढ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय के परिसर में ग्रामीणों के साथ आमरण अनशन तक किया था.

मिली जानकारी के अनुसार लगभग चार किलोमीटर तटबंध का निर्माण पूर्व में किया गया था और बची राशि विभाग द्वारा वापस भी कर दी गई. नवगछिया बाढ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. अब भू अर्जन विभाग द्वारा किसानों को नोटिस दिये जाने के बाद किसानों से सहमति पत्र मिलना प्रारंभ होने लगा है. अतएव अब पुनः कार्य शुरु हो सकेगा. जहान्वी चौक से इस्माइलपुर तक प्रस्तावित तटबंध दस किलोमीटर लंबा बनाया जाना है तथा पानी की निकासी हेतु चार स्लूइस गेट भी बनाया जाना है. 278 किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. जबकि 200 से अधिक किसानों ने जल संसाधन विभाग को सहमति पत्र सौंप दिया है.

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स्थानीय ग्रामीण विरेन्द्र मंडल, शुकदेव मंडल, मनोरंजन मंडल वगैरह का कहना है कि इस तटबंध के निर्माण के बाद से इस्माइलपुर प्रखंड ही नहीं नवगछिया अनुमंडल मुख्यालय सहित गोपालपुर व रंगरा प्रखंड भी बाढ से बचेगा तथा हजारों एकड में रेकार्ड फसल का उत्पादन होगा. पशुओं को भरपूर हरा चारा भी उपलब्ध होगा. जिससे इलाके में समृद्धि आयेगी. जिला पार्षद विपिन मंडल ने बताया कि मेंने दो बार आमरण अनशन किया. डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगाई. परन्तु अभी तक कुछ नहीं हो पाया है.
जल संसाधन विभाग के अभियंताओं का कहना है कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने पर पुनः तटबंध निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया जायेगा. मालूम हो कि 28 करोड रुपए तटबंध निर्माण व 16 करोड रुपए किसानों के मुआवजा हेतु आवंटित हुआ था