नवगछिया : सोमवार को सड़क हादसे में खरीक के छोटी अलालपुर निवासी सियाराम रजक की माैत के बाद उनकी 65 वर्षीय बीमार मां दुखनी देवी ने भी अपने इकलौते पुत्र के सदमे में सोमवार की आधी रात दम तोड़ दिया। सियाराम का शव उनके पैतृक गांव पहुंचने के बाद मायागंज अस्पताल में भर्ती बीमार मां को अपने बेटे के शव की दीदार के लिए अस्पताल से घर लाया गया। जहां बेटे का शव देखते ही उनकी तबियत फिर से काफी बिगड़ गई। इसके बाद परिजन पुनः इलाज के लिए मायागंज लेकर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। गौर हो कि सोमवार को रेलकर्मी अपनी बीमार मां को देखने के लिए बरौनी से अपनी प|ी आशा देवी व बेटा कृष्णा कुमार के साथ एक ही बाइक पर सवार होकर आ रहा था। इसी दौरान खगड़िया के गंडक पुल पर अनियंत्रित हाईवा ने सामने से कुचल डाला था। जिससे रेलकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि प|ी व बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसका इलाज खगडिया के ही अस्पताल में हुआ। दोनों घायल की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।

पिता के बाद दादी को भी गौतम ने दी मुखाग्नि

मृतक रेलकर्मी की बीमार मां का मंगलवार को हाइलेवल चौक गंगा घाट पर अंतिम संस्कार हुआ। जिसे मृतक रेलकर्मी के बड़ा बेटा गौतम कुमार ने महज 12 घंटे के अंदर अपने पिता के बाद अपनी दादी दुखनी देवी को भी मुखाग्नि दी। वहीं इस घटना के बाद गांव में जहां मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं मृतक के परिजनों के चीत्कार से कोहराम मचा हुआ था।

अनुकंपा पर सियाराम को रेलवे में मिली थी नौकरी

मृतक रेलकर्मी के पिता भैलाली रजक भी रेलवे के टेक्नीशियन विभाग में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पद पर नौकरी करते थे। जिसका अपने कार्यकाल के दौरान ही 20 वर्ष पूर्व बीमारी से मौत हो गई थी। इसके बाद अनुकंपा पर उनके इकलौते पुत्र सियाराम रजक को नौकरी मिली थी। किन्तु इनकी भी कार्यकाल के दौरान ही सड़क हादसे में मौत हो गई। सियारात रजक की मौत के बाद प|ी और बेटे का रो-रोकर बुरा हाल था। लोग उन्हें सांत्वना दे रहे थे।

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