देश की लैब में कोविड-19 की जांच करने वाली डायग्नोस्टिक किट विकसित की गई है। दावा है कि इससे 10 मिनट में टेस्ट के नतीजे मिल जाएंगे। इस टेस्ट के पहले स्क्रीनिंग की भी जरूरत नहीं होगी। अभी इसे मंजूरी के लिए आईसीएमआर के पास भेजा गया है। अब तक देश की मान्यताप्राप्त विशेष सरकारी व निजी लैब में पीसीआर (पॉलीमर चेन रिएक्शन) तकनीक के जरिए कोविड-19 की जांच हो रही है। इसमें प्रति टेस्ट ढाई हजार रुपए की लागत आ रही है। पीसीआर आधारित टेस्ट मशीन की लागत करीब 25 लाख रुपए है।

ज्यादा टेस्ट होने पर घट सकती है लागत

डायग्नोस्टिक किट मशीन की लागत करीब ढाई लाख रुपए आई है और प्रति टेस्ट लागत भी एक हजार रुपए पड़ेगी। बड़ी संख्या में निर्माण व टेस्ट होने पर लागत घट सकती है। अगले तीन हफ्ते से एक महीने के भीतर यह किट जिला अस्पताल स्तर की लैब में टेस्ट के लिए मुहैया कराई जा सकती है।

साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग से जुड़ी तिरुवनंतपुरम की संस्था श्रीचित्रा इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) ने तीन हफ्ते में कोविड-19 के जांच की टेस्टिंग किट विकसित की। यह खास तौर पर सार्स कोव2 के एन-जीन की पहचान करने में सक्षम होगी। इस किट का नाम चित्रा जीन लैंप-एन नाम दिया गया है। डीएसटी के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि ये किट इस वायरस के जीन के दो हिस्सों की पहचान कर सकेगी।

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इससे जीन के म्यूटेशन का फौरन पता चल सकेगा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (अलपुझा) में चित्रा जीन लैंप एन टेस्ट किट का परीक्षण सौ फीसदी सफल रहा है। पीसीआर से हो रहे कोविड-19 के सैंपल की जांच के सभी नतीजे नई टेस्ट किट में ही समान ही रहे। नई मशीन से एक बैच में 30 सैंपल टेस्ट हो सकते हैं। यानी हर दिन बड़ी संख्या में सैंपल टेस्टिंग के लिए यह बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है।