बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को राजद के 24 वें स्थापना दिवस पर राजद के 15 साल के शासन के दौरान की गई गलतियों के लिए एक बार फिर जनता से माफी मांगी। पार्टी की ओर से देश भर में लगातार डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर ने पांच किलोमीटर की साइकिल रैली का आयोजन के दौरान तेजस्वी ने यह माफी मांगी।

उल्लेखनीय है कि तेजस्वी की ओर से तीन दिनों के भीतर माफी की यह दूसरी अपील है। इससे दो दिन पहले पार्टी में कुछ नेताओं के शामिल करने के मौके आयोजित एक समारोह में भी उन्होंने लोगों से माफी मांगी थी।

सायकिल रैली के बाद राजद कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते उन्होंने कहा कि- ‘मैं सरकार का हिस्सा नहीं था, लेकिन फिर भी अगर हमारी सरकार ने अपने 15 साल के शासन के दौरान कुछ गलतियाँ की हैं तो मैं माफी चाहता हूँ। मैं तब बहुत छोटा था और मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। अगर कुछ गलतियाँ हुईं हैं तो लोगों ने हमें 15 साल तक शासन से बाहर रखकर पहले ही दंडित कर दिया।

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इस दौरान तेजस्वी ने पार्टी और महागठबंधन में चल रही कलह को लेकर होकर सबको धैर्य रखने को कहा। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठकर पार्टी के बारे में सोचें। हमें पार्टी के हित में बलिदान करना होगा।
राजद नेता ने आरोप लगाया कि उनके पिता लालू प्रसाद साजिश के शिकार हो गए हैं। कहा कि- लालू प्रसाद ने सामाजिक न्याय की शुरुआत की और कोई भी इसे अस्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने गरीबों, दलितों, दलितों, पिछड़ों को आवाज दी। आज लालूजी एक सोच हैं। देश को उसकी जरूरत है। तेजस्वी ने युवाओं को लुभाने के लिए अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर रोजगार सृजन के लिए उद्योग खोलने का वादा किया।

हालांकि राजग के नेताओं ने राजद के स्थापना दिवस पर कटाक्ष करते हुए इसे परिवार की पार्टी करार दिया। उधर कुछ राजग नेताओं के मुताबिक तेजस्वी की माफी मांगने के बयान को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। बकौल पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनडीए के वरिष्ठ नेता – ‘वे राजद के अपने परंपरागत वोट बैंक से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। तेजस्वी लोगों से माफी मांगते हुए कह रहे हैं कि पार्टी को गलतियों के लिए पहले ही दंडित किया जा चुका और अब वे एक और मौका मांग रहे हैं।, हमें उन्हें मौके नहीं देने चाहिए।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने ‘राजद को शुभकामनाएं, एक परिवार की पार्टी, करार देते हुए कहा कि बेहतर होगा कि पार्टी इसे लोकतांत्रिक बनाने की कसम खाए। वहीं जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि उनका अतीत दाग से भरा हुआ है। यह एक ऐसा संगठन है जो अपने परिवार अलावा किसी पर विश्वास नहीं करता है। पार्टी बिखर रही है। इसे अपने कार्यक्रमों और नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए।

एक ओर भाजपा और जदयू ने हमेशा राजद के शासनकाल को ‘जंगल राज’ की संज्ञा दी है। वहीं दूसरी ओर, तेजस्वी ने नीतीश कुमार के 15 वर्षों के शासन के दौरान अप्रयुक्त प्रवासन, बेरोजगारी और अन्य अधूरे वादों पर सत्तारूढ़ गठबंधन को किनारे करना चाहा है।

वहीं डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने राजद से यह भी बताने को कहा कि उनके शासन के 15 वर्षों में कोई विकास क्यों नहीं हुआ। मोदी ने कहा, कि लालू प्रसाद के अलावा कोई और पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बना।