छह हजार रुपये खर्च कीजिए, आठ दिन का समय दीजिए और घर बैठे मैट्रिक 90 फीसद अंक के साथ उत्तीर्ण हो जाइये। प्रमाणपत्र बेचने की यह दुकान खोले बैठा है अखिल भारतीय मुक्त शिक्षा परिषद (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर ओपन एजुकेशन)। नाम से सरकारी होने का भ्रम पैदा कर रहे इस संस्थान को किस सरकार की मान्यता है इसकी जानकारी नहीं हो पाई, लेकिन गूगल पर इसकी मौजूदगी इसके सही होने भ्रम को और मजबूत करता है। खास यह कि आपने कभी किसी स्कूल का मुंह देखा है या नहीं इससे संस्थान को कोई मतलब नहीं, उसके लिए मैट्रिक में डिस्टिंक्शन देने की आहर्ता यही कि आप दस्तखत करना जानते हों और आपके पास आधार कार्ड हो।

कैसे मिलता है सर्टिफिकेट

गूगल पर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर ओपन एजुकेशन सर्च करेंगे तो उस साइट पर 91+98320 20131 नंबर मिलेगा। इस संवाददाता ने उक्त नंबर पर संपर्क किया तो वहां से क्षेत्र के हिसाब से दुर्गापुर ऑफिस का एक दूसरा मोबाइल नंबर 7384090177 दिया गया। इस नंबर पर संस्थान की ओर से एक महिला प्रतिनिधि ने बात की। उससे सेविका बहाली के लिए सर्टिफिकेट लेने की बात की तो उसने एसएमएस कर एसबीआइ का खाता नंबर 34607820423 दिया और इस पर फीस के रूप में 6000 रुपये जमा करने कहा। यह खाता किसी रिया हजारा का है जो अंडाल शाखा में मेंटेन है। महिला ने कहा कि पैसे जमा करने पर चार-पांच दिन में काम हो जाएगा और 90 फीसद अंक का प्रमाण पत्र डाक से घर भेज दिया जाएगा।’

सरकारी कार्य में स्वीकार करना सरकारी अधिकारियों पर निर्भर

महिला प्रतिनिधि ने बताया कि उसके संस्थान का सर्टिफिकेट का उपयोग प्राइवेट जॉब में होता है। अगर आप सरकारी काम में इसे लगाते हैं तो इसे स्वीकार करना, नहीं करना उनपर निर्भर करता है। सरकारी संस्थान हमारे पास वेरीफिकेशन के लिए इसे भेजेंगे तो हम इसे सही बताएंगे।

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यूं मामला आया सामने

अभी जिले के 504 आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका की बहाली प्रक्रिया जारी है। सेविका बहाली में फर्जी सर्टिफिकेट बवाल का कारण बना है। अपनी मेहनत के बूते बिहार बोर्ड से अच्छा खासा अंक लाने वाली अभ्यर्थियों को अखिल भारतीय मुक्त शिक्षा परिषद जैसे संस्थानों के फर्जी सर्टिफिकेट के भारी-भरकम अंक वाली अभ्यर्थी पीछे धकेल देती हैं।