बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर और समस्तीपुर से पटना आने-जाने के लिए अच्छी खबर है। बिहार में गंगा नदी पर एक और पुल बनने जा रहा है। बेगूसराय के मटिहानी-शाम्हो के बीच बनने वाला यह पुल बिहार में गंगा पर 15वां पुल होगा। केंद्र सरकार ने थीम इंजीनियरिंग सर्विसेज प्रा लि को इसकी DPR के लिए काम दे दिया है। इसके बाद DPR बनेगी। गंगा नदी पर जो पुल बनेगा, उससे पटना से बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर और समस्तीपुर आना-जाना और आसान होगा। दरअसल, केंद्र सरकार के निर्देश पर NHAI ने जिस स्थान पर पुल बनाने की संभावना तलाशने का काम शुरू कर दिया था, वह रास्ता पहले शाम्हो-नेपाल मार्ग के नाम से जाना जाता था, मगर अब वह मटिहानी-शाम्हो पुल के नाम से जाना जाता है। किसानों की ओर से पहले से ही जमीन दी जाने के कारण प्रस्तावित पुल के कई स्थानों पर 80 फीट तक चौड़ी कच्ची-पक्की सड़क है।
झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के करीब होगा उत्तर बिहार
गंगा नदी पर बनने वाला यह पुल एनएच-31 और एनएच-80 को जोड़ेगा। पुल के बन जाने से बिहार को झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा आने-जाने के लिए एक नया रास्ता उपलब्ध हो जाएगा। इस तरह से तीनों राज्यों की दूरी 76 किलोमीटर कम हो जाएगी। पुल निर्माण के बाद 2 लाख से अधिक किसानों को अपने डेयरी और दूसरे उत्पाद को भी बाजार ले जाकर बेचने में आसानी होगी। बरौनी औद्योगिक नगरी को उभरकर सामने आने का बेहतर मौका मिल सकेगा। अब रांची जाने में 2 घंटे बचेगा, जबकि, मुंगेर-भागलपुर जैसे नजदीक के शहरों की दूरी भी बहुत कम हो जाएगी।
पटना से बेगूसराय की दूरी कम समय में होगी तय
बेगूसराय में रिफाइनरी, थर्मल पावर और उर्वरक का कारखाना है। किसी तरह की आपदा आने पर पटना से बेगूसराय की दूरी साढ़े तीन घंटे में तय होगी। वहीं इस पुल के बन जाने पर मुंगेर और भागलपुर से आपदा टीम 40 मिनट के भीतर आ जाएगी।
क्या कहते हैं NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर
NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजीव नयनम् ने बताया कि अभी पुल की संभावना तलाशी जा रही है। 22 किलोमीटर एरिया में बनने वाला यह पुल कहां से शुरू होगा, कहां तक जाएगा, किधर एप्रोच पथ बनेगा इन सब के बारे में एक खाका तैयार कर उसकी DPR तैयार की जाएगी। DPR मद में पौने दो करोड़ रुपए आए हैं।
गंगा पर पुलों की स्थिति
- मौजूदा पुल : बक्सर पुल, आरा-छपरा, जेपी सेतु, राजेन्द्र सेतु, गांधी सेतु और विक्रमशिला सेतु
- निर्माणाधीन पुल : शेरपुर-दीघवारा, जेपी सेतु के समानांतर, गांधी सेतु के समानांतर, कच्ची दरगाह-बिदुपुर, बख्तियारपुर-ताजपुर, मोकामा पुल के समानांतर, मुंगेर पुल, विक्रमशिला सेतु के समानांतर
सांसद राकेश सिन्हा का रहा है महत्वपूर्ण योगदान
भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा इस पुल के निर्माण को लेकर लगातार प्रयासरत रहे हैं। वे कहते हैं कि इस पुल निर्माण को असंभव कहा जा रहा था, लेकिन अब ये संभव हो गया। मैंने इसको लेकर काफी होमवर्क किया था। इस पुल के फायदे केन्द्र सरकार तक पहुंचाए, तब जाकर ये निर्माण सुनिश्चित हो सका। DPR बनाने का काम दे दिया है तो अब निर्माण को लेकर उठाये जा रहे तकनीकी सवाल भी खत्म हो गये हैं। किसानों को इस पुल का जबदस्त फायदा मिलेगा। मेरी समझ से इस पुल के निर्माण में लगभग 2 हजार करोड़ लगेंगे। इससे करीब 100 साल पुरानी मांग पूरी होगी। नियमों के अनुसार पहले से मौजूद पुल से 50 किलोमीटर के दायरे में दूसरे पुल का निर्माण संभव नहीं है, लेकिन इस तकनीकी समस्या का निदान कर NHAI की तरफ से इस पर सहमति दी गई है, जिसके बाद मंत्रालय ने पुल निर्माण को मंजूरी दी है।