कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 17 अक्टूबर गुरुवार को करवा चौथ पर्व मनाया जाएगा। इसे कर्क चतुर्थी भी कहते हैं। इस दिन चन्द्रमा अपनी उच्च राशि विषभ में रहेगा और रोहिणी नक्षत्र में उदय होगा। साथ ही वृषभ राशि में चंद्रमा व वृश्चिक राशि में गुरु होने से गज केशरी योग बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र मंगल का योग इस दिन को मंगलकारी बनाएंगे।

सत्यभामा और मार्कण्डेय योग का भी संयोग इस दिन रहेगा, जो शुभ फलदायी है। यह योग 70 साल बाद बन रहा है। यह शुभ संयोग श्रीकृष्ण व सत्यभामा के मिलन के समय का है। उसके बाद का संयोग बाद कभी-कभी बनता रहा है। चंद्राेदय का समय रात 8:25 रहेगा। पति की लंबी आयु की कामना के साथ किए जाने वाले करवाचौथ व्रत की महिलाओं ने तैयारियां शुरू कर दी है।

हाथों में मेहंदी रचाने के साथ गहने, कपड़े की खरीदारी कर रही हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज कुमार मिश्र के अनुसार गुरुवार को सुबह 6:44 से चतुर्थी प्रारंभ हो जाएगी। शाम को चंद्राेदय के समय चतुर्थी में पूजा करना श्रेष्ठ होता है। इस दिन सुबह सूर्योदय से चंद्रमा व गुरु का गज केशरी योग शुरू होगा जो दिनभर रहेगा।

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