ढोलबज्जा: नवगछिया प्रखंड अंतर्गत कदवा दियारा पंचायत के कार्तिक नगर कदवा में, आंगनवाड़ी केंद्र संख्या- 22 पर रिश्वत लेकर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर सहायिका नंदनी कुमारी की चयन करने का मामला प्रकाश में आया है. वहां के ग्रामीण पूनम देवी व वार्ड सदस्य कलानंद राम ने बताया कि इसकी लिखित शिकायत जिला पदाधिकारी भागलपुर, प्रधान सचिव बिहार सरकार पटना, समेकित बाल विकास सेवा निदेशालय बिहार, आयुक्त भागलपुर प्रमंडल, डीपीओ (आईसीडीएस) भागलपुर, सीडीपीओ नवगछिया को किया गया है. पर आज तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है.

पूनम बताती है कि गत 15 सितंबर को हीं नवगछिया सीडीपीओ को आवेदन दिया गया है. पूछने पर बार-बार बताती है कि नंदनी कुमारी का प्रमाण पत्र जांच के लिए भेज दिए हैं, कुछ दिन और इंतजार कीजिए. वहीं जब 21 जनवरी को सीडीपीओ कार्यालय नवगछिया के कर्मचारी नीरज जी ने कहा- नव चयनित सहायिका नंदनी कुमारी का प्रमाण पत्र सत्यापन होकर विद्यालय से आ गया है. प्रमाण पत्र सही है.

ज्ञात हो कि जिस 8वीं के सर्टिफिकेट पर नंदिनी कुमारी की बहाली हुई है. उस पर क्रमांक- 25 मवि सपरदह, संकुल व प्रखंड आलमनगर, प्रवेश तिथि 1 जनवरी 1991, प्राप्तांक 64.67 फीसदी अंकित है. इन सभी उक्त बातों की बार बार शिकायत मिलने पर जब प्रभात खबर ढोलबज्जा की टीम ने इसकी पड़ताल करनी शुरू की तो पहले सफरदह के संबंधित विद्यालय प्रभारी गसीर उद्दीन एवं वहां के सीआरसी निवास कुमार से बात किया. उन्होंने विद्यालय अभिलेख के आधार पर दावे के साथ बताया कि- 1991 में नंदनी कुमारी पिता सुरेश राम, नाम के कोई छात्रा इस विद्यालय में नामांकित नहीं है.

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2005 तक यह विद्यालय प्राथमिकी हीं था. जो 2007-8 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय बना है तो, इससे पहले अष्टम का सर्टिफिकेट यहां से कैसे निर्गत हो गई. वह कागजात मेरे विद्यालय से निर्गत नहीं हुई है. उस पर जिस विद्यालय प्रभारी का हस्ताक्षर है वह भी इस विद्यालय में कभी पदास्थापित नहीं हुए हैं. साथ ही बताया मवि सफरदह पुरैनी प्रखंड में है. इन सभी बातों को लेकर जब नवगछिया आंगनवाडी पर्यवेक्षिका सिंधु शिप्रा से बात की गई तो वह बताती है कि- मैंने अपने मार्गदर्शिका यानि नियमावली पर उनका चयन किया है. मवि सफरदह वित्तरहित विद्यालय है. जहां के नंदनी की कागजात पर बहाली हुई है. उनकी कागजात कार्यालय जांच करेगी.

गलत पाए जाये जाने पर उसे हटाकर किसी दुसरे को बहाल की जायेगी. पुनः प्रभात खबर ने इसकी पड़ताल पुरैनी प्रखंड बीईओ विन्देश्वरी प्रसाद साह से फोन पर किया तो उन्होंने बताया- मवि सफरदह मेरे प्रखंड अंतर्गत पड़ता है. वहां एक भी वित्तरहित विद्यालय नहीं है. वर्तमान में है भी तो दूसरे जगह हैं. सफरदह में पहले कमला राणा नाम का एक वित्त रहित उच्च विद्यालय था. जो अब कई साल पहले बंद हो चुका है. इन सभी बातों को लेकर जब नवगछिया सीडीपीओ से बात करते हैं तो वह बार-बार फोन पर कहती है आपकी आवाज साफ-साफ नहीं आ रही है. जबकि हर बार उनकी आवाज स्पष्ट सुनाई पड़ती है.