शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त मकर संक्रांति के बाद 17 जनवरी से प्रारंभ होंगे। 15 मार्च से खरमास प्रारंभ होने तक कुल 27 दिन विवाह के मुहूर्त होंगे जो 11 जुलाई तक चलेंगे। इसके तीन माह बाद मुहूर्त 19 नवम्बर से शुरू होकर 12 दिसंबर तक रहेंगे। ज्योतिषाचार्य दयानंद पाण्डेय ने बताया कि वर्ष में विवाह के कुल 92 दिन मुहूर्त रहेंगे।

मकर संक्रांति पर 15 जनवरी को मलमास का समापन होने के साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। आगामी 15 मार्च से 14 अप्रैल तक खरमास व इसी दौरान होलाष्टक रहने पर विवाह नहीं होंगे। एक माह तक शादी-विवाह पर रोक लगने के बाद फिर 15 अप्रैल से प्रारंभ होंगे। इसके पूर्व नए वर्ष के पहले माह से 14 अप्रैल तक कुल 27 दिन मुहूर्त रहेंगे। इधर, विवाह का समय करीब आते ही मैरिज हॉल, धर्मशाला आदि बुकिंग शुरू हो गया है। मई माह में सर्वाधिक 17 दिन और सबसे कम पांच दिन दिसंबर महीने में शादी-विवाह के होंगे।

मई में सर्वाधिक 17 दिन, सबसे कम 5 दिन दिसंबर में शादी के मुहूर्त

12 जुलाई से 8 नवम्बर तक नहीं होंगे विवाह 10 फरवरी बसंत पंचमी व सरस्वती पूजा, 7 मई अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त रहेगा। विवाह के लिए ये दिन सर्वाधिक शुभ माने जाते हैं। भड़ली नवमी 10 जुलाई को रहेगी। यह दिन भी अबूझ मुहूर्त वाला है, किंतु इस दिन भी विवाह-मुहूर्त नहीं रहेगा। इसी तरह शुक्र के अस्त रहने से देवोत्थान एकादशी पर भी विवाह नहीं होंगे।

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