संतान सुख की प्राप्ति के लिए उत्तम है अक्षय नवमी व्रत
आस्था : अक्षय नवमी पर नगरह वैसी में उग्र कालिका सिद्ध शक्तिपीठ में महिलाओं ने की पूजा-अर्चना, प्रवचन में स्वामी आगमानंद ने कहा

श्री महाश्माशानी उग्र कालिका सिद्ध शक्तिपीठ नगरह वैसी के प्रांगण में स्वामी आगमानंद महाराज के निर्देशन में सत्संग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सुबह 5:00 बजे से स्वामी आगमानंद महाराज की उपस्थिति में आचार्य कौशल वैदिक व उनके सहयोगियों ने आरती व 108 आवृत्ति दुर्गा पाठ किया। अपराह्न 3:00 बजे मुख्य अतिथि एसडीओ मुकेश कुमार व गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल संयुक्त रूप से दीप जलाकर मंच का उद्घाटन किया।

इसके बाद मानस कोकिला कृष्णा दीदी का प्रवचन हुआ। पंडित शंकर नाहर मिश्रा व डॉ हिमांशु मोहन मिश्रा ने भजन की प्रस्तुति दी। माता का सिंगार पूजन भी किया गया। स्वामी आगमानंद महाराज ने कहा कि जगत जननी परम्बा आध्या शक्ति माता उग्रकालिका की पूजा-अर्चना से मनुष्य मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं। संतान की इच्छा रखने वाले हो संतान की प्राप्ति होती है। इसकी पूजा करने से सभी प्रकार का कष्ट वाधा दूर होती है। संतान सुख प्राप्ति के लिए उत्तम हैं। कार्तिक शुक्ल नवमी को आंवला नवमी या अक्षय नवमी कहा जाता है।

आंवले के वृक्ष की पूजा करके उसके नीचे बैठकर भोजन करने का महत्व है। ऐसी मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन आंवला के वृक्ष की पूजा करने से घर-परिवार में स्थायी सुख-संपत्ति का वास होता है। उस परिवार की खुशियां कभी कम नहीं पड़ती, अक्षय रहती है।

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कई जगह महिलाएं संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी आंवला नवमी की पूजा और व्रत करती हैं। आंवला नवमी या अक्षय नवमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन की गलियां छोड़ मथुरा प्रस्थान कर गए थे। इस दिन से उन्होंने अपनी बाल लीलाओं का त्याग कर कर्तव्य के पथ पर कदम रखा था।