रेलवे ने किसी रेलकर्मी की मृत्यु की स्थिति में उसकी विधवा अथवा पत्नी को दी जाने वाली अनुकंपा नियुक्ति के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की शर्त को खत्म कर दिया है। रेलवे बोर्ड की ओर से जारी निर्देश के आलोक में मंडल स्तर पर भी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इसका फायदा ग्रुप डी कर्मियों की मृत्यु के उपरांत उनके आश्रितों को मिलेगा।

इसके अलावा शारीरिक रूप से अक्षम रेलकर्मी को भी नए नियम का फायदा मिलेगा। ग्रुप डी में हेल्पर, चपरासी, ट्रैक मैन, कोरियर, गैंग मैन आदि शामिल हैं।

मौजूदा नियम के मुताबिक लेवल-1 अथवा ग्रुप डी में सेवारत किसी रेलकर्मी की नौकरी के दौरान मृत्यु, बीमारी अथवा शारीरिक अक्षमता की स्थिति में उसकी विधवा अथवा पत्नी को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति प्रदान करने का प्रावधान है। इसके लिए उसका कम से कम दसवीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। अब रेलवे ने नए नियम के अनुसार इस शर्त को समाप्त करने का निर्णय लिया है।

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नियुक्तिकर्ता को मिली अहम जिम्मेदारी

रेलवे बोर्ड ने हाल में ही जारी किए गए सर्कुलर में कहा है कि जोनल रेलवे की ओर से ग्रुप डी में कार्यरत रहे रेलवे कर्मियों की ऐसी विधवाओं को अनुकंपा नियुक्ति के बाबत सवाल पूछे जा रहे थे, जो दसवीं पास नहीं हैं।

काफी विचार-विमर्श के बाद बोर्ड ने ऐसे मामलों में न्यूनतम योग्यता की शर्त को समाप्त करने का निर्णय लिया है। बोर्ड के अनुसार इस प्रकार की नियुक्ति करते हुए नियुक्ति प्राधिकारी इस बात को सुनिश्चित करेगा कि संबंधित विधवा प्रशिक्षण के बाद लेवल-1 की जिम्मेदारियां निभाने में सक्षम साबित हो।

कहा-मंडल रेल प्रबंधक ने रेलवे बोर्ड से इस आशय का पत्र मिला है। मंडल स्तर पर सभी संबंधित विभाग को निर्देश दे दिया गया है। संभव है अगली बोर्ड तक इसे कार्यान्वित कर दिया जाएगा। इसका फायदा वैसे आश्रितों को मिलेगा, जो दसवीं परीक्षा उत्तीर्ण नहीं हो।