रांची जेल में बंद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने बिहार की जनता के नाम संदेश जारी किया है। तीन पन्नों के संदेश में कहा है कि मेरे गले में सरकार और चालबाजों का फंदा कसा हुआ है। उम्र के साथ शरीर साथ नहीं दे रहा है पर आन और आबरू की लड़ाई में लालू की ललकार हमेशा रहेगी।

लालू प्रसाद ने कहा कि लोकतंत्र के उत्सव में रांची के अस्पताल में अकेले बैठा सोंच रहा हूं कि क्या विध्वंसकारी शक्तियां मुझे इस तरह कैद कराके फिर किसी षड्यंत्र की पटकथा लिखने में सफल हो जाएंगी। लेकिन मैं कैद में हूं, मेरे विचार नहीं। मेरे रहते बिहारवासियों के साथ धोखा नहीं हो सकता। वैसे तो अब तक कई लोकसभा चुनाव हो चुके हैं पर इस बार का चुनाव पहले जैसा नहीं है। देश ,समाज, गरिमा, हक-हुकुम सब कुछ दांव पर है। जरुरत है देश तोड़ने वालों के खिलाफ लड़ाई हो। हर आदमी को लालू यादव बनकर डर, धमकी, लालच, खतरा से लड़ना होगा।

आरक्षण का सवाल उठाते हुए लालू प्रसाद ने कहा है कि दलित रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया गया। अगर दलित बहुजन गोलबंद होकर सड़क पर कोहराम नहीं मचाते तो मोदी सरकार आरक्षण समाप्त कर चुकी होती। मान-मर्यादा के साथ रहना, निडर होकर दलितों का बोलना सरकार को नहीं सुहा रहा है। देश, हिंदू, अर्थव्यवस्था को खतरा बताते हुए गुलाम बनाए रखने की साजिश हो रही है। मुख में राम, बगल में छुरी वाली यह सरकार है। मेरे रहते कोई जालीबाज पहले झांकने की हिम्मत नहीं करता था। आपस में लड़ाने की कोशिश करने वाली मोदी सरकार ने बार-बार जेल में रखकर तोड़ने की कोशिश की।

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लालू ने कहा कि लाख तरह की बीमारी और कानून का फंदा के बाद भी न तो लालू के हिम्मत और न ही उसके सिपाही के हौसले को तोड़ पा रहा है। भले ही दीवार में चुनवा दिया जाए, जंग जारी रहेगी। यह चुनाव सरकार और गद्दार को पहचान करने वाला है। सीट वितरण पर कहा कि गठबंधन के कारण सीट बंटवारे में सबका ध्यान रखना पड़ा है। इसलिए एक होकर आरक्षण और संविधान की रक्षा कीजिए। दिल्ली में वंचित समाज के कब्जा के लिए एकता जरूरी है।