45 करोड़ रुपए से भागलपुर में डिविजन का पहला एलएचबी यार्ड बनेगा। यार्ड हाईटेक होगा और यहां अत्याधुनिक विदेशी उपकरणों से बोगियों के पार्ट-पुर्जों की मरम्मत होगी। भागलपुर यार्ड से सटे मालगोदाम के टेकानी शिफ्ट के बाद खाली जमीन पर इसे बनाया जाएगा। यार्ड निर्माण को लेकर वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में ही 45 करोड़ राशि बोर्ड ने स्वीकृत की थी। काम का ठेका रेलवे में कंस्ट्रक्शन वर्क करने वाली पटना की डब्ल्यूपीओ कंपनी को दी गई है।

प्राइवेट बस स्टैंड की जमीन संबंधी बाधा को दूर करने आज आ रहीं डीअारएम

डब्ल्यूपीओ ने ही राजेन्द्र नगर टर्मिनल में कोचिंग कांप्लेक्स बनाया है। कंपनी जब रविवार को यार्ड के लिए खाली जमीन की घेराबंदी कर रही थी तब डिक्सन बस स्टैंड के संचालकों ने लीज नियमाें के उल्लंघन का आरोप लगाकर मना कर दिया। यार्ड निर्माण से पहले उठे विवाद को शांत करने मालदा डीआरएम नीतू चंद्रा बुधवार काे इंजीनियरिंग विभाग के पूरे अफसरों के साथ भागलपुर आ रही हैं।

अधिकारियों ने बताया कि अभी कैमटेक डिजायन के दो वाशिंग पिट व एक डीप पिट है। डीप पिट में कैटवॉक नहीं है। टेकानी में गुड्स यार्ड चले जाने के बाद खाली जमीन पर एलएचबी कोच के मेंटेनेंस के लिए दो नई पीट लाइन का निर्माण किया जाना है। कुछ माह पहले पूर्व रेलवे के पूर्व सीएमई रविंद्र कुमार ने दावा किया था कि मार्च 2019 तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। लेकिन अब उसकी तारीख जनवरी 2020 तक निर्धारित की गई है।

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अभी एलएचबी कोच जहां खड़ी होती है, वहीं नया यार्ड बनेगा।

एलएचबी यार्ड बनने से कई तरह की मिलेंगी सहूलियतें