भागलपुर ट्रिपल आईटी ने कोविड 19 की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर को विकसित किया है। अब इस सॉफ्टवेयर की मदद से कोरोना, टीबी, वायरल और बैक्टेरियल निमोनिया और सामान्य मरीजों का पता सेकेंड में चल जाएगा। इससे न सिर्फ बीमारी का तेजी से पता चलेगा बल्कि इलाज भी जल्द शुरू हो जाएगा।
ट्रिपल ट्रिपल आईटी ने अपने नए सॉफ्टेवयर को भारतीय चिकित्सा अनुंसधान परिषद (आईसीएमआर) को भेज दिया है। वहां से सहमति मिलते ही इसे अस्पतालों में लागू कराए जाने की योजना है। निदेशक ने कहा कि इसके लिए आईसीएमआर के निदेशक से बात हो चुकी है। उम्मीद है कि इस माह के अंत तक सकारात्मक जवाब मिल जाएगा।
भागलपुर ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रो. अरविंद चौबे ने कहा कि कोविड 19 का पता लगाने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया गया था। मगर आईसीएमआर ने इसमें तीन अन्य बीमारियों की जानकारी भी डालने के लिए कहा था ताकि यह पता चल सके कि मरीज को किस तरह की बीमारी है। इस पर काम पूरा हो चुका है। इसके लिए जवाहरलाल नेहरु मेडिकल अस्पताल से 500 और विदेशों से 500 के करीब डिजिटल एक्सरे के डाटा पर काम किया गया है। निदेशक ने दावा किया है कि इसे शत-प्रतिशत मरीजों के इलाज में डॉक्टरों को मदद मिलेगी।
एक क्लिक पर बीमारी का चल जाएगा पता
सॉफ्टवेयर विकसित करने वाले शिक्षक डॉ. संदीप राज ने कहा कि पहले सॉफ्टवेयर सिर्फ कोरोना की जानकारी देता था। मगर अब डिजिटल एक्सरे डालते ही सेकेंड भर में यह बता देगा कि मरीज को कोरोना, टीबी, निमोनिया है या वह सामान्य है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस सॉफ्टवेयर को और भी विकसित किया जाएगा ताकि एक क्लिक में ही कई अन्य बीमारियों का भी पता चल जाए। इससे बीमारी पहचानने में कम समय लगेगा। इलाज भी समय पर शुरू हो जाएगा।
सॉफ्टवेयर खरीदने के लिए कई कंपनी कर रही संपर्क
भागलपुर ट्रिपल आईटी के द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर को खरीदने के लिए कई कंपनी ने कॉलेज प्रशासन से संपर्क कर रही है। मद्रास सिक्योरिटी प्रिंटर्स से काफी हद तक बात भी हुई है। मार्केटिंग और कॉमर्शियलाइज करने के उद्देश्य से कंपनी के साथ समझौते की तैयारी भी चल रही है। निदेशक ने कहा कि पहले सॉफ्टवेयर को मान्यता मिल जाए फिर इस दिशा में भी आगे बढ़ा जाएगा