भारत-नेपाल सीमा पर स्थित बभनौली, खमियां, इनरवा, नगरदेही, भंगहा, सिसवा, घुमाटांड, पचरौता आदि जगहों में इन दिनों सुबह से लेकर शाम तक तेल का खेल चल रहा है। भारतीय मूल्य की तुलना में नेपाल में डीजल और पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 20 रुपये कम है। भारतीय क्षेत्र की बाइक सवार तस्कर बाइक की टंकी खाली कर नेपाल जाते हैं। वहां से टंकी फुल कराकर लौट जाते हैं। यहां आकर टंकी का तेल निकालकर बेच देते हैं। यह सिलसिला पूरे दिन व रात चलता रहता है।

वहीं साइकिल सवार पीछे के कैरियर पर दोनों साइड गैलन बांधकर दिन भर में कई बार डीजल की ढुलाई करते हैं। मुख्य मार्ग में पहरा रहने के कारण डीजल पेट्रोल की तस्करी के धंधे में संलिप्त युवक संकीर्ण रास्ते को सहारा लेते हैं। नेपाल सीमा से सटे बभनौली, खमियां, इनरवा, नगरदेही, भंगहा, सिसवा, घुमाटांड, पचरौता आदि जगहों से धड़ल्ले डीजल व पेट्रोल की तस्करी होती है। इस धंधे में लिप्त तस्करों का नेपाली पुलिस से सांठगांठ है। जो प्रति खेप तय रकम देकर पूरे दिन भारत-नेपाल आवाजाही करते रहते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों के पान व किराना दुकानों में बोतलों में बिकने वाले पेट्रोल के दाम अपने यहां पेट्रोल पंप में बिकने वाले रेट में सरेआम उपलब्ध है।

पैसे की लालच में इस धंधे में संलिप्त हैं कई बेरोजगार युवक

चूंकि आज के समय में बेरोजगारों की संख्या कुछ कम नहीं है। इस धंधे में अधिकांश बेरोजगार युवक शामिल हैं। जिन्हें मजदूरी बतौर पांच रुपये प्रति लीटर की दर से दी जाती है। चोरी छिपे जहां खुली सीमाएं हैं और एसएसबी व पुलिस की नजर नहीं रहती है। वैसी जगहों से नेपाल जाकर साइकिल व मोटर साइकिल से तेल लेकर लौट जाते हैं। 47वीं बटालियन के कमांडेट प्रियव्रत शर्मा का कहना है कि इंडो-नेपाल सीमा पर लगातार चौकसी बरती जा रही है। खुली सीमा होने के कारण कई तस्कर एसएसबी के नजरों से छिपकर पेट्रोलियम पदार्थ की तस्करी करने की सूचना मिली रही है। तस्करी को रोकने के लिए सीमा पर तैनात सुरक्षा जवानों मुस्तैद रहने की हिदायत दी गई है।

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Input: Dainik Jagran