बिहार में लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का ही जाति प्रमाणपत्र मिलेगा। उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का जाति प्रमाणपत्र निर्गत नहीं होगा। इससे लोहार जाति को केन्द्र सरकार के अधीन नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा। हालांकि उन्हें राज्य सरकार की नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलेगा। .

सामान्य प्रशासन विभाग ने कई जिलों के डीएम को पत्र लिखकर इस बाबत स्थिति स्पष्ट की है। बिहार में लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है। पर केन्द्र सरकार 1976 में किए गए संशोधन के तहत इन्हें ओबीसी कैटेगरी में मानती है। इसी को लेकर फेंच फंसा है।

राज्य सरकार ने लोहार जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा की थी, पर उस पर निर्णय नहीं हुआ है। हालांकि बिहार में लोहार जाति को एसटी का प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है। ऐसे में मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी व नवादा के डीएम ने सलाह मांगी थी।.

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