बिहार के सभी शिव मंदिरों में श्रावणी मेला के आयोजन पर रोक लगा दी गई है। सभी शिव मंदिर 4 अगस्त तक बंद रहेंगे। श्रद्धालुओं से अपने -अपने घरों में रहकर श्रावणी पूजा करने का आग्रह किया गया है।

राज्य सरकार ने 20 जून को श्रावणी मेला के संबंध में कुछ शर्तों के साथ अरघा में जलार्पण कर शिव मंदिर में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी थी, उसमें संशोधन किया गया है। वे शिव मंदिर जहां श्रावणी मेला का आयोजन होता है, उनको छोडकर अन्य मन्दिरों में कुछ शर्तों के साथ पूजा अर्चना होगी।

बिहार धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने बुधवार को इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि कोरोना महामारी का प्रसार रोकने के लिए श्रावणी मेला पर रोक लगाई है। श्रावणी मेला श्रद्धालुओं का विशाल समूह भाग लेता है, जिससे कोरोना वायरस फैलने की आशंका है। अन्य राज्यों -उत्तर प्रदेश में हरिद्वार श्रावण मेला और झारखंड में बाबा बैद्यनाथ श्रावणी मेला पर भी रोक लगा दी गयी है। इस बिंदु पर सभी जिलों के जिलाधिकारी से वस्तुस्थिति पर विचार विमर्श किया गया गया। सभी परिस्थिति पर विचार करने के बाद बिहार धार्मिक न्यास पर्षद ने निर्णय लिया है कि सभी शिव मंदिर जहां श्रावण मेला जलाभिषेक या कांवर यात्रा का आयोजन होता है को 4 अगस्त तक बंद कर दिया जाय।

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धार्मिक पर्षद ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे अपने घरों में ही रहकर पूजा अर्चना करें। सभी जिलाधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाएं और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। सभी शिव मंदिर जहां जलाभिषेक व श्रावण मेला का आयोजन होता है को छोड़कर अन्य सभी मंदिर धार्मिक पर्षद के पूर्व के आदेश दिनांक 6 जून 2020 के आलोक में दिए गए शर्त्तों के अधीन पूजा अर्चना होगी।