गोपालपुर – गोपालपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित सैदपुर गाँव की माता की छटा काफी निराली है. यहाँ माता के दरबार में बडी दूर -दूर से श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं. श्रद्धालुओं व ग्रामीणों का कहना है कि माता से जो सच्चे मन से माँगता है. माता उनको झोली भर देती हैं.मिली जानकारी के अनुसार 50- 60 वर्ष पूर्व गोपालपुर थाना के ततकालीन थानेदार की पहल पर सैदपुर के प्रबुद्ध ग्रामीणों ने मुख्य सडक के किनारे फूस का अस्थाई मंदिर बना कर माता की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा अर्चना कर मेला का आयोजन किया.

बाद में मंदिर निर्माण हेतु सैदपुर के ग्रामीण ठीठर गोसाईं ने अपनी जमीन दान में दी और मंदिर के अस्थाई भवन को हटा कर पक्का भवन का निर्माण कराया. वर्त्तमान में यहाँ पूजा समिति के अध्यक्ष महेश कुँवर की अगुवाई में लगभग पाँच करोड की राशि से माता दुर्गा के भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया.आज यह मंदिर सैदपुर की पहचान बन गयी है और मंदिर की छटा राज्य स्तर पर पहुँच गई है.

शक्तिपीठ के रूप में सैदपुर दुर्गास्थान विख्यात हो गया है. अतएव दूर -दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन हेतु आते हैं.माता के इस शक्तिपीठ से सभी श्रद्धालुओं को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. यहाँ वैष्णव पद्धति से माता की पूजा की जाती है. यहाँ पशुबलि की बजाय सप्तमी तिथि को कोहडे की बलि दी जाती है. पंडित जीतन झा के आचार्यत्त्व में विद्वान पंडितों की टोली विधि – विधान से कलश स्थापन से दुर्गासप्तशती का पाठ करते हैं.

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जिससे समूचे गाँव का वातावरण भक्तिमय बन जाता है. मनोकामना पूर्ण होने पर महिलाएं व सुहागिनों द्वारा अष्टमी व नवमी तिथि को खोइछा व डाला चढाया जाता है. पिछले 25-26 वर्षों से पश्चिम बंगाल के मशहीर मूर्त्तिकार करुडजी के द्वारा माता की जीवन्त प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है. अयोध्या से पधारे संत स्वामी रामकृष्ण दास जी महाराज द्वारा रामकथा का अमृतपान श्रद्धालुओं को कराया जा रहा है.