नवगछिया : मच गयी अफरा तफरी, देर रात तक पानी में हो रही थी वाहनों की तलाश, स्थल से एक बैग बरामद -Naugachia News

नवगछिया : तेतरी दुर्गा मंदिर से महज दो सौ मीटर की दूरी पर 14 नंबर सड़क के ध्वस्त होने की सूचना मिलते ही पूरे इलाके में अफरा तफरी का माहौल था. इलाके के बड़ी संख्या में लोग ध्वस्त सड़क को देखने पहुंच रहे थे. लोगों की अत्यधिक भीड़ को देखते हुए प्रशासनिक पदाधिकारियों ने सड़क के दोनों तरफ 50-50 मीटर तक सड़क को सुरक्षित कर बैरेकेटिंग लगा दिया है. बैरेकेटिंग के अंदर आमलोगों को घुसने की इजाजत नहीं दी जा रही है. दूसरी तरफ एसडीआरएफ की टीम बुधवार को देर शाम तक कलबलिया धारा में धसान की चपेट में आये ऑटो और बोलेरो की तलाश कर रहे थे.
मच गयी अफरा तफरी, देर रात तक पानी में हो रही थी वाहनों की तलाश
– प्रशासन ने दोनों तरफ 50 – 50 मीटर के क्षेत्र को किया सुरक्षित
– विक्रमशिला सेतु पथ पर दबाव, बढ़ गया वाहनों का परिचालन
लेकिन देर रात तक दोनों वाहनों का कोई अता पता नहीं चल पाया. ऑटो से सुरक्षित बच निकले लोगों ने बताया कि बोलेरो पर कुछ लोग थे जो सीधे धसान प्रभावित स्थल पर चले गये और बोलेरो कुछ सैकेंड में ही जलविलीन हो गया था. ऐसे में निश्चित रूप से बोलेरे से कोई नहीं निकल पाया होगा. लेकिन देर शाम स्थल पर या फिर थाने में किसी भी लापता व्यक्ति की खोजबीन करने कोई नहीं पहुंचा था. जिससे बोलेरो का कलबलिया धार में समा जाने की घटना को एक अफवाह के रूप में भी देखा जाने लगा है. दूसरी तरह ऑटो से सुरक्षित निकले लोग पक्के तौर पर चालक और सवारियों सहित बोलेरो और खाली ऑटो के कलबलिया धार में जल विलीन होने की बात कह रहे हैं.
इधर एसडीआरएफ की टीम के कुछ अनुभवी जवानों ने बताया कि हो सकता है कि जिस जगह पर धसान हुआ है वहीं पर बोलेरो काफी नीचे चला गया हो. क्योंकि अगर दोनों वाहनों का बहाव हुआ रहता तो निश्चित रूप से अब तक उनलोंगों को दोनों वाहनों का ठिकाना मिल गया होता. इधर स्थल से एक बैग की तस्वीर भी वायरल हुई है, तस्वीर तेतरी के पास की है. जिसमें पानी में एक काले रंग का बैग तैरते हुए दिख रहा है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि उक्त बैग बोलेरो पर सवार व्यक्ति का ही होगा.
विक्रमशिला सेतु पथ पर भी दबाव
कलबलिया धार के पास सड़क पचास मीटर तक टूटने के बाद अब विक्रमशिला सेतु पर भी गंगा नदी में आयी बाढ़ के पानी का दबाव हो गया है. तेतरी के अंबे पब्लिक स्कूल से लेकर करीब तीन सौ मीटर तक विक्रमशिला सेतु पर अत्यधिक दबाव है. दूसरी तरफ सहायक सड़क के टूट जाने के बाद विक्रमशिला सेतु पहुंच पथ पर वाहनों का परिचालन अत्यधिक हो गया है. मालूम हो कि पिछले चार पांच वर्षों से पुल और पहुंच पथ पर अक्सर जाम लगे रहने के कारण छोटे वाहनों के लिए यह सड़क काफी उपयोगी थी. इस सड़क पर अधिकांश चार चक्का और उससे छोटे वाहनों का परिचालन होता था जबकि सेतु व पहुंच पथ जाम रहने की स्थिति में यह सड़क नवगछिया की लाइफ लाइन में तब्दील हो जाती थी.
जहजवा धार को बचा लिया जाता तो नहीं टूटती सड़क
इस वर्ष जनवरी माह से ही इस्माइलपुर के लोगों की मांग थी कि जहजवा धार को बंद कर दिया जाय. इससे इस्माइलपुर प्रखंड सहित नवगछिया के दो पंचायतों जगतपुर, खगड़ा को बाढ़ का सामना नहीं करना पड़ता. अंतिम समय तक जब जल संसाधन विभाग के पदाधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो इस्माइलपुर के ग्रामीणों ने जनसहयोग से जहजवाधार को पूरी तरह से बांध दिया. लेकिन ग्रामीण स्तर से बनाया गया तटबंध कमजोर सिद्ध हुआ और यह प्रभारिक रूप से जल स्तर के वृद्धि के दबाव को भी नहीं झेल पाया और घ्वस्त हो गया. बांध ध्वस्त होने और गंगा के जल स्तर में अत्यधिक बढ़ोतरी हो जाने से इस्माइलपुर प्रखंड के लोगों को बाढ़ का सामना तो करना ही पड़ा साथ ही खगड़ा और जगतपुर पंचायत के निचले इलाके भी डूब गये. इसके बाद तेतरी दुर्गा स्थान के नजदीक कलबिलया धार पर अत्यघिक प्रेशर की वजह से 14 नंबर सड़क भी ध्वस्त हो गया.
2016 में भी ध्वस्त हो गयी थी 14 नंबर सड़क
वर्ष 2016 में गंगा नदी में आयी भयानक बाढ़ में छोटी परवत्ता के आगे सड़क ध्वस्त हो गया था. वहां भी सड़क टूटने का कारण यह था कि एक तरफ गंगा नदी में आये बाढ़ के पानी का अत्यधिक दबाव था तो दूसरी तरफ लूप था. तेतरी कलबलिया धार के पास भी ऐसी ही स्थिति थी. एक तरफ कलबलिया धार है जिसमें वर्ष भर पानी रहता था. दूसरी तरफ लूप है. पानी के दबाव के कारण सड़क ध्वस्त होने की बात कही जा रही है. जबकि कुछ लोग इसे चूहे सड़क को क्षतिग्रस्त कर दिये जाने के कारण धसान होने की बात कह रहे हैं.