विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की तैयारी प्रशासनिक स्तर से शुरू कर दी गर्इ है। इस बार श्रावणी मेला 17 जुलार्इ से शुरू हाे रहा है अाैर 15 अगस्त काे समापन हाेगा। 30 दिना के सावन में इस बार चार साेमवारी व्रत हाेगा। प्रथम साेमवारी 22 जुलार्इ, दूसरी साेमवारी 29 जुलार्इ, तीसरी साेमवारी 5 अगस्त अाैर चाैथी साेमवारी 12 अगस्त काे है।

पिछले साल पांच साेमवारी था। सावन साेमवार से शुरू अाैर साेमवार काे ही समापन हुअा था। सावन मास को सर्वोत्तम मास कहा जाता है। मान्यता है कि सावन में भगवान भाेलेनाथ की रुद्राभिषेक, पार्थिव पूजा, शिव सहस्रनाम का पाठ करने से शिव की विशेष कृपा बरसती है। भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय होने के कारण यह भी है कि भगवान शिव सावन के महीने में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे।

गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई

इस बार गुरु पूर्णिमा 16 जुलार्इ काे है। गुरु पूर्णिमा का महत्व भारतीय सनातन धर्म में प्राचीन काल से रही है। 18 पुराणाें के रचयिता महर्षि वेद व्यास की जयंती भी गुरु पूर्णिमा के दिन मनायी जाती है। उनके जन्म दिन के कारण ही अाषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा तिथि गुरु पूर्णिमा के नाम से प्रसिद्ध है। शास्त्राें में कहा गया है कि अज्ञान रूपी अंधकार काे ज्ञान रूपी प्रकाश से जाे नेत्र खाेले वही गुरु है। संसार की संपूर्ण विद्याएं गुरु की कृपा से ही प्राप्त हाेती है। गुरु के अाशीर्वाद से ही विद्या सिद्ध हाेती है।

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जुलाई और अगस्त के व्रत-त्योहार

4 जुलाई रथयात्रा
12 जुलाई हरिशयनी एकादशी
15 जुलाई साईं बाबा उत्सव
16 जुलाई गुरु पूर्णिमा
28 जुलाई कामदा एकादशी
01 अगस्त हरियाली अमावस्या
03 अगस्त हरियाली तीज
05 अगस्त नाग पंचमी
07 अगस्त तुलसी जयंती
11 अगस्त इद-उल-जुहा
15 अगस्त रक्षाबंधन
23-24 अगस्त श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
26 अगस्त जया एकादशी