भगवान सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। अधिकतर ज्योतिषियों के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य प्रो. सदानंद झा ने बताया कि इस बार 14 जनवरी को रात्रि 2.10 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। 15 जनवरी को उदय तिथि पड़ने के कारण संक्रांति 15 को ही मनाई जायेगी। पुण्य काल 15 जनवरी को प्रात: से सूर्यास्त तक रहेगा। उन्होंने बताया कि लोगों को इस दिन तिल, कंबल, घी, मिष्ठान आदि का दान करना चाहिए।

इस विशेष संयोग में 14 नहीं, 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रांति

इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व है। लोग इस काशी और प्रयागराज में स्नान कर पुण्य प्राप्त करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सूर्य की आराधना का विशेष पर्व मकर संक्रांति मनाने से पापों का शमन होता है।मकर संक्रान्ति में लकड़ी, तिल, अन्न, उड़द की दाल, चावल, पापड़, घी, गुड़, नमक, कम्बल, ऊनी वस्त्र का दान करना बहुत ही उत्तम माना जाता है। अगर आप पवित्र नदियों में स्नान करने नहीं जा सकते तो घर पर ही स्नान कर सूर्य को अर्घ्य देकर दान कर सकते हैं। मकर संक्रांति के दिन गरीब लोगों को गुड़ और गर्म कपड़ों का दान करना चाहिए।

संगम की रेती में सजी कुम्भनगरी,पहला शाही स्नान मकर संक्रांति को

क्या है इस दिन की मान्यता
मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं। मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा उनसे मिली थीं। इसके अलावा भीष्म पितामह ने भी अपना देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति के पावन दिन का ही चयन किया था

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